भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ अपने सभी सदस्यों की लेगा खोज खबर,राष्ट्रीय प्रान्तीय व जिला पदाधिकारी तहसीलों में चलायें सम्पर्क अभियान.

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प्रयागराज-
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के सभी राष्ट्रीय,प्रान्तीय,मण्डल और जिला पदाधिकारियों को प्रत्येक तहसीलों में संपर्क अभियान चलाने का निर्देश केंद्रीय कार्यालय से दिया गया है और सभी सदस्यों का सुख-दुख जानने के लिए उनकी खोज खबर लेने का निश्चित कार्यक्रम बनाकर उसकी आख्या केंद्रीय कार्यालय को भेजने को कहा गया है.
उपरोक्त आशय की जानकारी भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनेश्वर मिश्रा एवं मुख्य महासचिव मथुरा प्रसाद धुरिया ने संयुक्त रूप से देते हुए बताया कि राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर भगवान सहाय उपाध्याय के निर्देशन में बनी संचालन समिति ने यह सुनिश्चित किया है कि महासंघ के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी अपने जिले की प्रत्येक तहसीलों में संपर्क अभियान चलाएंगे और वहां जाकर अपने साथियों की खोज खबर लेंगे उनके सुख-दुख की आख्या केंद्रीय कार्यालय को प्रत्येक दशा में 31 अक्टूबर 2023 तक भेजना अनिवार्य किया गया है.बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ देश का ऐसा एकलौता संगठन है जो निरंतर आयोजनों और कार्यक्रमों के माध्यम से अपने साथियों को जोड़ने का काम करता रहता है.परस्पर एक दूसरे से मिलने और उनकी खोज खबर लेने के लिए ही आयोजनों की श्रृंखला चलाई जाती है. इसके उपरांत भी अनेक सदस्यों से संपर्क नहीं हो पाता इसलिए अब महासंघ सदस्यों के द्वार स्वयं जाकर उनकी खोज खबर लेगा.प्रत्येक जिला मंडल प्रदेश व राष्ट्रीय पदाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है, कि वे अपनी टीम बनाकर संयुक्त रूप से प्रत्येक तहसीलों का भ्रमण करें और वहां जुड़े महासंघ के साथियों के सुख दुख में शामिल होकर और उनकी खोज खबर की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर केंद्रीय कार्यालय को 31 अक्टूबर 2023 तक लिखित रूप से भेजें.राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्य महासचिव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो पदाधिकारी इस अभियान में निष्क्रियता दिखाएगा अथवा इस योजना की उपेक्षा करेगा उसको पुनः दायित्व देने में विचार किया जाएगा.वर्ष 2024 में नई कार्यकारिणी गठित होने के समय उस पर महासंघ की संचालन समिति गंभीरता से पुनर्विचार करेगी और केवल परिचय पत्र तक सीमित रहने वाले पदाधिकारियों को पद मुक्त किया जाएगा.पदाधिकारियों ने कहा कि महासंघ अपना एक परिवार है और परिवार के साथियों का सुख-दुख जानना वरिष्ठ है जनों का नैतिक दायित्व है ऐसी स्थिति में इस योजना को पूरी तरह गंभीर होकर संचालित किया जाना चाहिए.इसके लिए एक जांच प्रकोष्ठ भी गठित किया जा रहा है जो सभी पदाधिकारियों के क्रियाकलापों पर अपनी दृष्टि रखेगा और उसकी आख्या केंद्रीय कार्यालय को वह अलग से भेजेगा.

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