महाराष्ट्र – महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफे की पेशकश करने वाले अजित पवार ने आज (रविवार) अपने आवास पर समर्थक विधायकों के साथ बैठक की और इसके बाद 17 विधायकों के साथ राजभवन के लिए रवाना हो गए. कहा जा रहा है कि अजित पवार बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं और आज ही छगन भुजबल के साथ मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवसी के साथ सभी मंत्री भी राजभवन पहुंच गए हैं.
बताया जाता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में काम करने का अवसर नहीं दिए जाने के बाद अजित असंतुष्ट हैं. बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले भी शामिल हुईं. हालांकि, सुले बैठक छोड़कर चली गईं. रविवार सुबह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पुणे में मौजूद शरद पवार से फोन पर बातचीत की. राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, शरद पवार ने पुणे में रहने का फैसला किया है और कथित तौर पर अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.
अजित पवार के आवास पर हुई बैठक पर शरद पवार ने कहा, ‘मुझे ठीक से पता नहीं है लेकिन विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार है…वह नियमित रूप से ऐसा करते हैं…मुझे इस बैठक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन मुझे जितना पता है वो ये है कि शाम तक नेता उनसे मिलने आते रहेंगे.मेरा अहमदनगर कार्यक्रम पिछले सप्ताह ही रद्द हो गया था और सुप्रिया पहले से ही मुंबई से पुणे जा रही है.
इस सप्ताह की शुरुआत में, राकांपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उनके इस्तीफे के मामले पर चर्चा की और पार्टी नेताओं ने कहा कि अंतिम निर्णय दो महीने में लिए जाने की संभावना है. इससे पहले 25 जून को उनके चाचा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि पार्टी अजित पवार की मांग पर फैसला लेगी. पवार उनके बीजेपी में शामिल होने की खबरों से इनकार कर चुके हैं.
शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने पिछले दिनों दावा किया था कि एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इसी के बाद से उनके बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं. दरअसल, अजित की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की खबरें सामने आई थीं, जिसके बाद राउत ये यह दावा किया था.
इससे पहले अप्रैल 2023 में अजित पवार ने साफ शब्दों में मुख्यमंत्री बनने की चाहत दिखाई थी. उन्होंने कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और 2024 में क्यों, अभी भी सीएम पद के दावेदार हैं. उसके साथ-साथ उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए थे कि 2004 में जब एनसीपी की कांग्रेस से ज्यादा सीटें आई थीं, तब पार्टी ने उन्हें सीएम पद देने का मौका गंवा दिया था. हालांकि, सीएम पद को लेकर उनका अभी भी दावा कायम है.