भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का हुआ निधन

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दिल्ली – पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया है। तबीयत बिगड़ने के बाद देर शाम उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह 92 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह को गुरुवार देर रात तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे।  इसी दौरान उनका निधन हो गया है। हालांकि अभी तक इस बात की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ड वाड्रा ने अपने सोशल मीडिया पर यह जानकारी सभी के साथ शेयर करते हुए मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी है. 92 वर्षीय मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के दो बार प्रधानमंत्री रहे थे, जबकि इससे पहले उन्होंने ही 90 के दशक में पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की थी।

न्यूज एजेंसी के अनुसार डॉ मनमोहन सिंह को गुरुवार शाम को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. इसके चलते उन्हें रात करीब 8 बजे हालत ज्यादा बिगड़ने पर दिल्ली एम्स लाकर इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया था। वहां उनके दिल में कुछ समस्या दिखाई दे रही थी, जिसके चलते कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीतीश नाइक की देखरेख में सीनियर डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी. जानकारी के मुताबिक, इसी दौरान उनका निधन देर रात हो गया।

मनमोहन सिंह के दिल्ली एम्स में भर्ती कराए जाने की खबर मिलते ही कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी भी देर रात वहां पहुंच गईं। एम्स में मनमोहन सिंह की बेटी और पत्नी भी मौजूद हैं। उधर, कांग्रेस ने कर्नाटक के बेलगावी में चल रही CWC Meeting को बीच में ही रद्द कर दिया है। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. उनके सीधे दिल्ली एम्स पहुंचने की संभावना है। तबीयत खराब होने के कारण दिल्ली में ही मौजूद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी एम्स के लिए रवाना हो गई हैं. दिल्ली एम्स के बाहर सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है।

मनमोहन सिंह भारत ही नहीं दुनिया के मशहूर अर्थशास्त्रियों में गिने जाते थे. वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर भी रहे थे. उनके आर्थिक अनुभव को देखते हुए उन्हें राजनीति में आने का आमंत्रण दिया गया था।

इसके बाद 1991 में राजीव गांधी के असमय बम विस्फोट में निधन के बाद प्रधानमंत्री बने पीवी नरसिम्हाराव ने उन्हें अपना वित्त मंत्री नियुक्त किया था. इसके बाद मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। वे बिना लोकसभा चुनाव जीते दो बार देश के प्रधानमंत्री बनने वाले पहले और इकलौत राजनेता हैं। इसके बाद भी वे राज्यसभा के जरिये कांग्रेस की राजनीति में अपनी पैठ बनाए हुए थे। उनका राज्यसभा सांसद के तौर पर कार्यकाल इसी साल पूरा हुआ है।  मनमोहन सिंह भारतीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे थे।

मनमोहन सिंह का स्वास्थ्य लगातार खराब चल रहा था. उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।  1932 में पाकिस्तान में जन्मे मनमोहन सिंह को इससे पहले सबसे लंबे समय तक 2021 में अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। 13 अक्टूबर, 2021 को बुखार की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती रहना पड़ा था. इस दौरान भी उनकी तबीयत बेहद खराब हो गई थी, लेकिन वे स्वस्थ होकर घर लौट गए थे।

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