उत्तर प्रदेश ( प्रयागराज ) – तहसील स्तरीय प्रेस अस्थाई समितियों की बैठक न होने से अनेक समस्याएं अधर में लटकी रहती हैं. जब तक तहसील स्तरीय प्रेस अस्थाई समिति की बैठक हुआ करती थी छोटे-मोटे मामले आसानी से निपट जाते थे. इस प्रकरण में भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने जनपद की सभी तहसीलों में प्रेस अस्थाई समिति की बैठकें पुनः नियमित रूप से शुरू करने की मांग शासन प्रशासन से की है.
उल्लेखनीय है कि कई वर्षों से बैठकें निरस्त कर दी गई हैं जिसके कारण पत्रकारों और शासन प्रशासन के बीच अब दूरी बढ़ती जा रही है जो गंभीर चिंता का विषय है. भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि जब तक बैठकें निरंतर होती थी मीडिया और शासन प्रशासनिक के बीच रिश्ते मधुर बनते जा रहे थे तथा स्थानीय समस्याओं के निराकरण में दोनों एक दूसरे के पूरक हुआ करते थे.
अब जब से पुलिस प्रणाली की व्यवस्था बदली है तब से यह दूरी और अधिक बढ़ गई तथा अब तो परस्पर एक दूसरे के सहयोग की बजाय असहयोग की भावना बलवती होती जा रही है. कदाचित शासन प्रशासन ने कभी भी जिला और तहसील स्तर पर पत्रकारों को बुलाकर परस्पर सामंजस्य बैठाने का प्रयास नहीं किया. यही कारण है कि अनेक घटनाओं को जहां दबा दिया जाता है वहीं उत्पीड़न के भय से कई कलमकार सच्चाई उजागर करने से भी अब परहेज करने लगे हैं जो लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है.
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि वे तत्काल इस दिशा में पहल करें और तहसील स्तरीय प्रेस अस्थाई समितियों की बैठकें पुनः नियमित रूप से शुरू करने की व्यवस्था करें जिससे परस्पर तालमेल स्थापित हो और अनेक समस्याओं के निराकरण में दोनों पक्षों को बल मिल सके.