झिरयाना शहजादपुर राजकीय माध्यमिक विद्यालय में कुल 5 अध्यापक है बच्चो की संख्या 30के लगभग है जो की 8 वी तक का है यहां के अध्यापक गांव में कही नहीं जाते बच्चो के लिए न ही इसमें बच्चो को पढ़ाया जाता है बल्कि जो भी बच्चे स्कूल आते है उनसे साफ सफाई और बाजार से सामान या कमरा साफ़,बाथरूम साथ अन्य काम कराए जाते है इन सब के रहते परिवार जनों को चिंता होने लगी सबने मिलकर एक मीटिंग का आयोजन रखा जिसमे संस्था प्रधान,सरपंच, एनजीओ के कार्यकर्ता, और गांव की 50महिला और 14,15पुरुष मौजूद रहे इन सारी समस्याओं को लेकर बात चीत की ।अगर इसी तरह स्कूलों में लापरवाही होगी तो गरीब का बच्चा कहा पढ़ेगा और बच्चो का विकाश रुक जाएगा या तो इस विद्यालय के अध्यापक बच्चो को पढ़ाया जाए इस तरह तो बच्चो के भविष्य के साथ खेला जा रहा है आज के बच्चे उगते हुए सूर्य की तरह है
झीरयाना राजकीय माध्यमिक विद्यालय में हो रहा बच्चो पर अत्याचार
