मुंबई – आज मैं आपको ऐसी घटना से रूबरू कराऊंगा जिसे देखकर सुनकर निस्संदेह आपको भी लगेगा आप भी कहेंगे की ऐसा कैसे हो सकता है यह घटना संवेदन हीनता की पराकाष्ठा है,आगे हम आपको बताएंगे की कैसे एक सोलह माले की बहु मंजली इमारत जो पालघर वेस्ट के वलन नाके पर बन रही है
उसमे काम करने वाले एक मजदूर ने इलाज के अभाव में जान गवाई,मामला रंजीत नाम के एक मजदूर का है यह मजदूर इस 16 मंझली इमारत की अंडर कंस्ट्रक्शन साइट पर रहता था और वहीं पर यह मजदूरी करता था इनके साथ काम करने वाले मजदूरों ने हमें बताया जिसमें रंजीत नाम के इस युवक के एक साथी मजदूर श्री बबलू इनके छोटे भाई श्री राजकिशोर ने हमें बताया की 18 सितंबर की रात इस रंजीत नाम के मजदूर की तबीयत खराब हुई और यह लोग उसके साथ काम करने वाले मजदूर
उसे लेकर सरकारी हॉस्पिटल आए अस्पताल में मजदूर को कुछ दवाई देकर रुखसत कर दिया गया.
इस मरीज की बीमारी का मामला साथी मजदूरों द्वारा बिल्डिंग बनाने वाले मालिक व ठेकेदार श्री जमील के संज्ञान में लाया गया.
श्री रंजीत के साथी मजदूरों द्वारा हमें बताया गया की श्री रंजीत को उन्होंने 19 तारीख की सुबह मर्नासन अवस्था में देखा,
बिल्डर से और सुपरवाइजर से बार-बार निवेदन करने पर भी इस मजदूर को अस्पताल पहुंचाने का कोई बंदोबस्त बिल्डर सुपरवाइजर या ठेकेदार में से किसी ने नहीं किया ऐसा कुछ मजदूरों ने हमें बताया रंजीत के साथी मजदूरों ने आगे बताया की
दिन में 19 तारीख के दिन में बिल्डर के कुछ लोगों ने साइट पर चक्कर लगाए और घूम कर वापस अपने घर चले गए.हमने साइट पर जाकर श्री आता मस से भी संपर्क किया श्री आता इसी साइट पर काम करते हैं और गोरखपुर के रहने वाले है
इसी साइट पर कार्यरत श्री गजानन अधावे से भी संपर्क किया गया दोनों व्यक्तियों ने कुछ भी और जानकारी देने से मना किया
खबर जारी करने तक श्री जमील से संपर्क नहीं हो पाया
न ही बिल्डर से किसी प्रकार का संपर्क स्थापित हो पाया,
मामला बेहद संगीन है
इस तरीके की संवेदनहीनता आने वाले बहुत ही बुरे समय की तरफ हमारा ध्यान खींचती है.
प्रशासन को चाहिए मामले का संज्ञान ले और इस प्रकार के संवेदनहीन और कानून को अपनी रखैल समझने वाले बिल्डर व ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.
इस प्रकार की जगह में जहां किसी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं नहीं है गंदगी और मच्छरों का ढेर है ऐसी जगह में मजदूरों को रखना उनको बीमार होने पर अस्पताल नहीं पहुंचाना,
उनको सरकारी अस्पताल में भी इलाज के लिए नहीं भेजना या भेजने की जरूरत नहीं समझना ऐसा कृत्य बिल्डरों द्वारा
या बिल्डर के मातहत काम करने वाले ठेकेदार सुपरवाइजर द्वारा करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है इस कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम होगी.
पालघर जिले में बिल्डर लॉबी की मनमानी लंबे समय से है जारी ,नहीं डर है इन्हें कानून और प्रशासन का रिश्वतखोर अधिकारियों का इन्हें मिल रहा है संरक्षण
