कबीर के दर्शन से प्रभावित हैं वागीश की रचनाएं – सर्वेश कांत 

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उत्तर प्रदेश ( प्रयागराज ) – भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की उत्तर प्रदेश इकाई के सह साहित्य प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ राम लखन चौरसिया ‘ वागीश ‘ की सभी रचनाएँ कबीर के दर्शन से पूरी तरह प्रभावित हैं।उपरोक्त उद्गार सुप्रसिद्ध पाठ्यक्रम पुस्तक लेखक सर्वेश कांत वर्मा सरल ने उस समय ब्यक्त किया जब वह साहित्यांजलि प्रकाशन प्रयागराज से पकाशित पुस्तक *सामाजिक न्याय बनाम सामाजिक संरचना* के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। श्री सरल जी ने पुस्तक के लेखक डॉ राम लखन चौरसिया वागीश को प्रयागराज के कबीर की संज्ञा देते हुए कहा कि जितनी बेबाकी और स्पष्ट वादिता से अपनी रचनाओं में सामाजिक विसंगतियों पर प्रकाश डाला है उतना कम ही देखने को मिलता है। इनकी पुस्तक सामाजिक न्याय बनाम सामाजिक संरचना में विभिन्न पहलुओं पर विशद चर्चा की गई है ,और इस पर चिंतन की आवश्यकता है। प्रकाशक एवं साहित्यांजलि प्रभा के संपादक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह पुस्तक यथार्थ का दर्पण है। वागीश जी की अन्य रचनाओं में भी यथार्थ का दिग्दर्शन होता है। आप अपने व्यक्तिगत जीवन में भी यथार्थवाद के प्रबल पोषक हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुल्तानपुर से पधारी सुप्रसिद्ध लेखिका डॉक्टर सुनीता श्रीवास्तव जी ने कहा कि वर्तमान समय में इस तरह की रचनाएं युग की मांग हैं जिसकी संपूर्ति में लेखक ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कानपुर से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार सुभाष चंद्रा ने कहा कि वास्तव में साहित्य समाज का दर्पण होता है और लेखक की प्रस्तुति समाज को सही मार्ग पर ले जाने का प्रयास करती है। वागीश जी अपनी इस पुस्तक में इस कार्य में पूरी तरह सफल हुए हैं। इनके साहित्यिक योगदान पर विस्तार से चर्चा करने की जरूरत है। उपस्थित सभी वक्ताओं ने पुस्तक को आति प्रासंगिक और समीचीन बताया।

प्रयागराज अलोपी बाग में स्थित महाराष्ट्र लोक सेवा मंडल के सभागार में आयोजित इस लोकार्पण समारोह में वरिष्ठ कवि पाल प्रयागी , राकेश मालवीय मुस्कान , राम लखन चौरसिया, केशव प्रकाश सक्सेना , कुंवर तौकीर खान , नीलाक्षी , सुनीता श्रीवास्तव सर्वेशकांत वर्मा, आदि ने अपनी कविताओं का भी सश्वर पाठ किया जिसका संचालन डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय ने किया।

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