दिल्ली – तारिक फतेह हमेशा अपनी बात मुखरता के साथ रखने के लिए जाने जाते थे. आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर दिए गए अपने बयानों को लेकर वे अक्सर चर्चा में रहते थे.
पाकिस्तान में जन्में तारिक फतेह कनाडा में जाकर वहां से पत्रकारिता को अपना व्यवसाय चुना और काफी समय तक बेबाक पत्रकारिता से जुड़े रहे, साथ ही वो धार्मिक कट्टरता के विरोधी रहे थे,अक्सर टेलीविजन न्यूज चैनल डिबेट में तारिक फतेह पाकिस्तान सहित बाकी मुस्लिम देशों में चल रही धार्मिक कट्टरता के खिलाफ रहे और उसका विरोध भी किया पत्रकार तारिक फतेह का 24 अप्रैल की सोमवार रात में निधन हो गया. वे 73 साल के थे. वे काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नताशा ने ट्वीट करके दी. तारिक फतेह का जन्म 1949 में कराची में हुआ था. हालांकि उनका लगाव भारत के साथ कुछ ज्यादा ही रहा.
तारिक फतेह की बेटी नताशा ने ट्वीट कर लिखा कि पंजाब के शेर, हिन्दुस्तान के बेटे, कनाडा के प्रेमी, सत्य के वक्ता और न्याय के योद्धा का निधन हो गया है. उनकी क्रांति उन लोगों के जरिए बनी रहेगी, जो उन्हें जानते थे और प्यार करते थे.