महाराष्ट्र ( मुंबई )- वरिष्ठ हिंदूवादी नेता और मुंबई के पूर्व उप महापौर बाबू भाई भवानजी द्वारा आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में मुंबई में लगाए गए पोस्टर चर्चा का विषय बन गए हैं। भवानजी ने इस बार हिंदू एकता को अपने बैनरों का विषय बनाया है।*
भवानजी इस समय देशभर में समाज जोड़ो अभियान चला रहे हैं । उनका उद्देश्य समस्त हिंदू जातियों को एकजुट करना है। उनका कहना है कि हिंदू एकता से ही देश का भला होने वाला है। हिंदुओं की एकता कमजोर होगी तभी देश कमजोर होगा और देश के दुश्मनों को सिर उठाने का मौका मिलेगा।
भवानजी ने इस बार अम्बेडकर जयंती के अवसर पर पूरे शहर को पोस्टरों और बैनरों से पाट दिया है। हिंदुओं की तमाम जातियां एकजुट हों, एक रहें सेफ रहें जैसे नारे भवानजी के बैनरों में लिखे हुए हैं। हर राष्ट्रीय पर्व और त्यौहारों पर भवानजी द्वारा लगाए जाने वाले बैनर हमेशा चर्चा का विषय रहते हैं। इस बार हिंदुत्व की थीम वाले बैनर चर्चा का विषय बने हुए हैं।
उधर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 14 अप्रैल को जयंती के मौके पर बीजेपी देशभर में भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान चलाएगी. इस अभियान के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने देश भर के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया. इस अभियान के जरिए बीजेपी की कोशिश है देशभर के दलित समाज तक पहुंच कर यह बताने की, कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जितना सम्मान बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ उतना पहले कभी नहीं हुआ।
14 अप्रैल से लेकर 25 अप्रैल तक बीजेपी देशभर में भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देश भर से आए बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दलित समाज के बीच जाकर सुनाने की बजाए उनकी बात सुनें. जेपी नड्डा ने कहा कि सांसद/मंत्री बनने का कोई मतलब नहीं अगर समाज के दबे/कुचले/निचले पायदान पर खड़ा तबका आपको लीडर नहीं मानता है।
बीजेपी द्वारा देश भर में चलाए जाने वाले कार्यक्रम को विपक्ष के द्वारा गढ़े गए नेरेटिव को तोड़ने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है जिसके तहत विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अपमान और संविधान को बदलने का लगातार आरोप लगाया था।
2024 लोकसभा चुनाव के दौरान यह एक बड़ा मुद्दा भी बना था और बीजेपी को देश भर की कई सीटों पर विपक्ष के द्वारा चलाई गई इस मुहिम के चलते नुकसान भी उठाना पड़ा. लोकसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी लगातार इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रामक भी है और लगातार विपक्षी पार्टियों पर बाबासाहब भीमराव अंबेडकर और उनके द्वारा बनाए गए संविधान के अपमान का आरोप लगाते हुए यह बताने का काम करती रही है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सबसे बड़ा सम्मान बीजेपी सरकार के दौरान ही हुआ है और विपक्ष सिर्फ राजनीति करता रहा है।