मुंबई भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूभाई भवानजी ने अगस्त क्रांति दिवस पर महात्मा गांधी और शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

Spread the love

महाराष्ट्र ( मुंबई ) – अगस्त क्रांति मैदान से भाजपा के वरिष्ठ नेता और मुंबई के पूर्व उपमहापौर बाबूभाई भवानजी ने हर साल की तरह इस साल भी नव अगस्त क्रांति दिवस पर अगस्त क्रांति मैदान स्थित गांधी शहीद स्मृति स्तम्भ पर गुलाब के फ़ूलों की पंखुडियां अर्पित कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने हमारे न्यूज़ चैनल के संवाददाता से बात करते हुए कहा कि मुंबई के तबके ग्वालिया टैंक और आज का ऑगस्ट क्रान्ति मैदान में 9 ऑगस्ट 1942 में आज ही के दिन सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने भाषण में अंग्रेजों के खिलाफ़ नारा दिया था।अंग्रेजों भारत छोड़ो/और करो या मरो उनका यह नारा पूरे देशभर में एक ज्वाला का रूप ले लिया था। स्वंत्रता संग्राम के दिनों में मेरे पिता स्वतन्त्र सेनानी रवजीभाई छेड़ा गिरगांव में रहते थे। और वो आज़ादी की इस लडाई में स्वतंत्रता सेनानियों को एक दुसरे का संदेश पत्र के माध्यम से पहुंचाने का काम किया करते थे।
उन्होनें आगे यह भी कहा कि अंग्रेज तो देश छोड़कर चले गए। लेकिन जाते जाते उन्होनें हमारे देश की सदियोंं पुरानी संस्कृति, सभ्यता और संस्कार का नाश कर दिया।आज भी उनकी अंग्रेजी पद्घति की पढाई भारत में चल रही है।ना कोई संस्कार ना इंसानियत ना सेवाभाव और नाही तो देश भक्ति का ज्ञान।हमारा तो ऐसा मानना है कि ऐसी पढाई_लिखाई तो मात्र केवल डिग्री के लिए ही है।जिसका कोई भविष्य नहीं,और इस अंग्रेजों के समय का एजूकेशन के कारण से ही बिन संवेदनशील इंसान एवं सरकारी अफ़सर के रूप में देश में नए अंग्रेज पैदा हुए हैं और जनता की सेवा की जगह मेवा ने ले ली है। आज सम्पूर्ण देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से जनता परेशान और बेहाल हो गई है। महंगाई का मूल कारण भ्रष्टाचार और काम चोरी है। बिना लेन देन के जनता का कोई भी काम नहीं हो रहा है। आखिर में बाबूभाई भवानजी ने कहा की हम आज़ाद तो हुए हैं। लेकिन अभी हमको आबाद होना जरूरी है। आज हमको अगस्त क्रांति दिन पर भ्रष्टाचार के खिलाफ़ जंग लड़ने के लिए संकल्प लेना होगा।तभी हम महात्मा गांधी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेगें।
भवानजीने हमारे न्यूज़ चैनल के संवाददाता से बात करते हुए कहा कि मुंबई के तबके ग्वालिया टैंक और आज का ऑगस्ट क्रान्ति मैदान में 9 ऑगस्ट 1942 में आज ही के दिन सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने भाषण में अंग्रेजों के खिलाफ़ नारा दिया था।”अंग्रेजों भारत छोड़ो”/और “करो या मरो” उनका यह नारा पूरे देशभर में एक ज्वाला का रूप ले लिया था। स्वंत्रता संग्राम के दिनों में मेरे पिता रवजीभाई छेड़ा गिरगांव में रहते थे।और वो आज़ादी की इस लडाई में वानर सेना में थे और स्वतंत्रता सेनानियों को एक दुसरे का संदेश पत्र के माध्यम से पहुंचाने का काम किया करते थे। कई बार अग्रेजो का डंडा भी खाएं है।
*उन्होनें आगे यह भी कहा कि अंग्रेज तो देश छोड़कर चले गए।* *लेकिन जाते जाते उन्होनें हमारे देश की सदियोंं पुरानी संस्कृति, सभ्यता और संस्कार का नाश करते गए*।* *आज भी उनकी अंग्रेजी पद्घति की पढाई भारत में चल रही है*। *ना कोई संस्कार ना इंसानियत ना सेवाभाव, न माता पिता का आदरभाव और नाही तो देश भक्ति का ज्ञान। हमारा तो ऐसा मानना है कि ऐसी पढाई_लिखाई तो मात्र केवल डिग्री के लिए ही है। जिसका कोई भविष्य नहीं,और इस अंग्रेजों के समय का एजूकेशन के कारण से ही बिन संवेदनशील इंसान एवं सरकारी अफ़सर के रूप में देश में नए अंग्रेज पैदा हुए हैं और जनता की सेवा की जगह मेवा ने ले ली है। आज सम्पूर्ण देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से जनता परेशान और बेहाल हो गई है। महंगाई का मूल कारण भ्रष्टाचार और काम चोरी है” बीना लेन देन के जनता का कोई भी काम नहीं हो रहा है। आखिर में बाबूभाई भवानजी ने कहा की हम आज़ाद तो हुए हैं। *लेकिन अभी हमको आबाद होना जरूरी है।आज हमको अगस्त क्रांति दिन पर भ्रष्टाचार के खिलाफ़ जंग लड़ने के लिए संकल्प लेना होगा।तभी हम महात्मा गांधी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेगें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *