विकसित कृषि संकल्प अभियान में कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करेगी एमएसएमई पीसीआई ( MSME PCI )

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महाराष्ट्र ( मुंबई ) विकसित भारत 2047 के विजन और प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले विकसित कृषि संकल्प अभियान में 29 मई से 12 जून 2025 तक चलने वाले कार्यक्रमों में कृषि आधारित उद्योगों को लगाने की जानकारी , योजनाओ आदि के बारे में एमएसएमई पीसीआई ( MSME PCI ) भी सहभागिता करेगी , इस दौरान कृषि उद्योगों को लगवाने एवम उनमें सहयोग के लिए भी रजिस्ट्रेशन करेंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इसका शुभारंभ पुरी , उड़ीसा  से करेंगे . इसकी समस्त जानकारी एमएसएमई के वाइस चेयरमैन श्री नितिन शर्मा ने दी है. भारत में कृषि आधारित एमएसएमई इकाइयों का बड़ा स्कोप है,जिसमें बड़ी संख्या में उद्योग लगाए जायेगें।

*29 मई से 12 जून 2025 तक पूरे देश में चलेगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’**

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भारत सरकार 29 मई से 12 जून 2025 तक पूरे देश के 700 से अधिक जिलों में विकसित कृषि संकल्प अभियान का आयोजन करेगी। इस महाभियान का शुभारंभ ओडिशा के पवित्र तीर्थ पुरी से होगा।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से यह राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें निम्नलिखित संस्थाएं सक्रिय रूप से भाग लेंगी:

731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs)

113 आईसीएआर संस्थान

कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन विभागों के अधिकारी

नवोन्मेषी एवं प्रगतिशील किसान

इस अभियान का लक्ष्य देशभर के 1.5 करोड़ (15 मिलियन) किसानों से सीधा संवाद स्थापित करना है। वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से मिलेंगी, उन्हें वैज्ञानिक सलाह देंगी और आगामी खरीफ सीजन के लिए मार्गदर्शन करेंगी।

नई दिल्ली स्थित NASC कॉम्प्लेक्स में देशभर के कृषि वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि “कृषि केवल व्यवसाय नहीं, यह भावना और समर्पण का विषय है।” उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए आश्वासन दिया कि अनुसंधान और नवाचार के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने वैज्ञानिकों, विभागीय अधिकारियों और किसानों के बीच संपर्क और समन्वय को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया और इस अभियान को परिणाम-उन्मुख पहल बताया, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी जैसे लाभ जल्द ही खरीफ सीजन में नजर आएंगे।

इस आयोजन में प्रमुख हस्तियों की भागीदारी रही, जिनमें शामिल हैं:

श्री देवेश चतुर्वेदी, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय

डॉ. एम.एल. जात, सचिव (DARE) एवं महानिदेशक, आईसीएआर

डॉ. राजबीर सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), ICAR

सभी 113 ICAR संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) तथा केंद्र एवं राज्य स्तरीय कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक एवं संकाय सदस्य (प्रत्यक्ष और वर्चुअल रूप से) जुड़े

सरकार इस अभियान को ‘विकसित भारत’ के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम मानती है, जो ‘विकसित कृषि’ के माध्यम से टिकाऊ, विज्ञान-आधारित और वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कृषि क्रांति की ओर अग्रसर करेगा।

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