उत्तर प्रदेश ( देवरिया) बरारी गांव की पुण्य भूमि पर 5 से 12 अप्रैल तक आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में श्रद्धा, संस्कृति और संत्संग का अद्भुत संगम देखने को मिला। वेद भाष्यकार, नव्य व्याकरणाचार्य, काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शक व्याख्याकार प्रो. श्री हरिनारायण तिवारी जी ने इस दिव्य कथा का वाचन किया।
कार्यक्रम के मुख्य यजमान श्री सुरेंद्रमणि त्रिपाठी जी रहे, जिनके अथक प्रयास से यह दिव्य आयोजन संभव हो पाया। कथा में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुजनों ने भाग लिया और भागवत रसपान कर आत्मिक शांति प्राप्त की।
इस अवसर पर विशेष रूप से पधारे महाराष्ट्र से ब्रह्मर्षि योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी महाराज,
संस्थापक: श्री हरि नारायण सेवा संस्थान, पालघर, मुंबई
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (संत प्रकोष्ठ): अखिल भारतीय जैन दिवाकर मंच, नई दिल्ली
योग प्रमुख: भाजपा आध्यात्मिक आघाड़ी, महाराष्ट्र प्रदेश
योगीराज श्री भारत भूषण जी ने अपने आध्यात्मिक संगीत और विशेषतः बांसुरी पर श्रीकृष्ण और प्रभु श्रीराम के भजनों की प्रस्तुति से हजारों श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
कन्या पूजन, ब्राह्मण सत्कार जैसे वैदिक अनुष्ठानों के साथ कथा का आयोजन और भी पावन हुआ। हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर आयोजन को सफल बनाया। शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्री अश्वनी तिवारी जी ने कहा कि ऐसे वैदिक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन अधिक से अधिक होने चाहिए।
श्री राम मणि त्रिपाठी जी, संस्थापक – सुंदरम सेंट्रल स्कूल, पालघर, ने मणि परिवार की ओर से समस्त अतिथियों, संतजनों एवं श्रद्धालुओं का हृदय से आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के संयोजन में देवरिया पुलिस प्रशासन का अनुशासित सहयोग सराहनीय रहा। देवरिया स्टेशन कोतवाली चौकी प्रभारी श्री संजय सिंह चंदेल जी द्वारा प्रदान किए गए अनुशासन और व्यवस्था हेतु योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी महाराज ने पुलिस प्रशासन का विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया।
यह सात दिवसीय आयोजन न केवल वैदिक संस्कृति का उत्सव बना, बल्कि समाज में अध्यात्म, सेवा और संस्कारों का एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरा।