महाराष्ट्र ( मुंबई ) वरिष्ठ हिंदूवादी भाजपा नेता और मुंबई के पूर्व उप महापौर बाबूभाई भवानजी ने कहा है कि भारत में घुसे अवैध बांग्लादेशियों और पाकिस्तानियों के खिलाफ सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई देश में अवैध रूप से घुसने का साहस न कर सके।
दादर पश्चिम में गुरुवार को हिंदू जागरण मंच द्वारा अवैध घुसपैठ के खिलाफ आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए भवानजी ने कहा कि “आप देख रहे हैं कि बांग्लादेश में क्या हो रहा है। वे गलतियां यहां नहीं दोहराई जानी चाहिए… बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे ।
भवानजी ने पड़ोसी देश बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए राष्ट्रीय एकता की जोरदार वकालत की और कहा, “बटेंगे तो कटेंगे ” उन्होंने कहा “राष्ट्र तभी सशक्त होगा जब हम एकजुट रहेंगे।
उन्होंने कहा, “राष्ट्र से ऊपर कुछ भी नहीं हो सकता। और राष्ट्र तभी सशक्त होगा जब हम एकजुट होंगे।
उन्होंने विपक्ष पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने और देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा से ज्यादा उन्हें वोट बैंक की चिंता है।
उन्होंने कहा, “जबकि विपक्ष वैश्विक मुद्दों पर बोलने में तेज है, वह बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न और मंदिरों के विध्वंस के बारे में स्पष्ट रूप से चुप है। वे फिलिस्तीन को देखते हैं, लेकिन वोट बैंक खोने के डर से बांग्लादेश की ओर आंखें मूंद लेते हैं।
उन्होंने कहा, “हमें उन विभाजनकारी ताकतों को बेनकाब करने और उनका मुकाबला करने के लिए एकजुट होना चाहिए जो अपने तुच्छ हितों के लिए समाज को खंडित करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “हम एकता के लिए काम करेंगे। हम किसी को भी समाज में विभाजन फैलाने की अनुमति नहीं देंगे, चाहे वह मामले, क्षेत्र, भाषा या किसी अन्य आधार पर हो। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए और हमें नागरिक के रूप में अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
भवानजी के जोशीले भाषण से पूरा माहौल गर्म हो गया। उन्होंने कहा कि अगर हम बंटे तो फिर हमें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी इसलिए आज सभी दलित, आदिवासी, वनवासी, पिछड़ों, बुद्धिस्टों, सिखों और जैन धर्मावलंबियों को एकजुट होकर राष्ट्रीय हितों के लिए आवाज उठानी होगी और अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को जड़ से खत्म करना होगा। इस अवसर पर लग रहे गर्व से कहो हम हिंदू हैं, भारत माता की जय, वंदे मातरम जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा।