सरकार इच्छाशक्ति दिखाए तो मुंबई में आम लोगों को भी मिल सकता है सस्ता घर : भवानजी
महाराष्ट्र ( मुंबई ) : वरिष्ठ भाजपा नेता और मुंबई के पूर्व उपमहापौर बाबूभाई भवानजी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे साहेब को दिए गए एक निवेदन पत्र मे लिखा है कि यदि सरकार इच्छा शक्ति दिखाये तो मुंबई में झोपडपट्टियों को समाप्त कर सभी को सस्ता घर दिया जा सकता है। भवानजी ने एक बयान में कहा है कि मुंबई की ज्यादातर झोपड़पट्टियां म्हाडा, कलेक्टर, बीएमसी, एयरपोर्ट, एमएमआरडीए, वनविभाग, तथा साल्ट पेन क्षेत्र की जमीन पे बसी हैं। आज की स्थिति में यदि सरकार खुद घर बनाये तो ज्यादा से ज्यादा ,30 से 35 लाख रूपये में 1 बीएचके फ़्लैट बन सकते हैं। इसमें से एक फ़्लैट झोपडाधारकों को मुफ्त में दिया जा सकता है और एक फ़्लैट 30 से 35 लाख में आम आदमी को बेंच कर दोनों फ्लैटों पर आये खर्च को निकाला जा सकता है। सरकार कोई व्यापारी संस्था नही है सरकार जनता की सेवा करने वाली संस्था है न कि कमाई करने वाली।
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो इससे हिन्दूहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे और पीएम मोदी के सपने को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को खुद इस मामले में रूचि लेकर अत्यंत किफायती दर पर घर बनाना चाहिए । बाबुभाई भवानजी ने कहा कि हमारी NGO मुंबई और मुंबई के आसपास मुंबई की लोकल ट्रेनों के आसपास सस्ता घर बनाती है। अब तक हजारों लोग लाभार्थी बने हैं। यदि सरकार स्वयं रुचि नहीं लेगी तो मुंबई में फ्लैटों के दाम कम नहीं होंगे जिसके चलते आम लोग मुंबई में घर नहीं खरीद पाएंगे और गरीब और मध्यम वर्ग के लोग दूर से आकर मुंबई में ड्यूटी करने के लिए मजबूर होंगे। अगर सरकार (महाडा,”SRA “) हमारी संस्था को अवसर दे तो हम भी झोपड़ी में रहनेवालों को मुफ़्त और गरीब और जरूरतमंद लोगो को 30 से 35 लाख में 1 BHK का घर दे सकते है।
उधर 23 जुलाई को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। इस दौरान किसानों, महिलाओं और युवाओं को लेकर कई अहम एलान किए गए हैं । वहीं आवास निर्माण के लिए भी कई अहम घोषणएं की गईं। बजट भाषण में उन्होंने एलान किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण की घोषणा की गई है। इसके लिए खर्च होनेवाली आवश्यक पूंजी का भी आबंटन किया गया है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए छात्रावास शैली के आवासों के साथ किराये के आवास बनाए जाएंगे। इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) के माध्यम से किया जाएगा।
बजट में पीएम आवास योजना (शहरी) 2.0 का एलान किया गया है। इसके तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास की जरूरत को पूरा किया जाएगा। इसमें अगले पांच वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। शहरी आवास के लिए किफायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार ब्याज सब्सिडी योजना लाएगी। इसके साथ ही सरकार बेहतर उपलब्धता के साथ कुशल और पारदर्शी किराये के आवास बाजार की स्थापना करेगी।