गुजरात (भुज) -गुजरात के भुज में स्वामी भारत भूषण जी ने बनसी की धुन पे परोढइया ,(भजन) प्रभात फेरी द्वारा लोगो के कान में भगवान के प्रकृति प्रेम का संदेश पहुंचाया साथ ही जगह जगह वृक्षारोपण किया गया और इन वृक्षों की देखभाल के लिए दतक योजना का शुभारंभ किया गया.
अक्सर देखा गया है शहरों में हर साल कुछ लोगों द्वारा वृक्षारोपण करने का सिर्फ नाटक किया जाता है.यह सब देखते हुए भाजपा नेता एवं मुंबई के उपमहापौर बाबुभाई भवानजी ने दत्तक योजना निकाली थी जिसमें लोग अपने परिजनों के याद में अपनी कंपनी, बिल्डिंग, सोसायटी, द्वारा पेड़ों के रख रखाव,सुरक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई थी.अब वापस उसी कार्य को पुरजोर तरीके से फ्लोरा फाऊडेसन के अध्य्क्ष अरुण सबनीस और ट्रस्टी बाबुभाई भवानजी करने जा रहे है इसके लिए वे मनपा से और लोगो से संपर्क की शुरुवात कर रहे हैं.
वरिष्ठ भाजपा नेता और मुंबई के पूर्व उपमहापौर बाबू भाई भवानजी ने कहा है कि अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छी तरह से जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए. ऑक्सीजन देने और कार्बन डाइऑक्साइड को लेने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं,जिससे शुद्ध ताजी वायु बनती है. हमारे आस पास जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और विषैली, गंदी गैसों को यह पेड़ अवशोषित करेंगे. आज जरुरत इस बात की है कि सभी लोग वृक्षारोपण करें गुरुपूर्णिमा के दिन कच्छ भुज में वृक्षारोपण के महत्व पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भवानजी ने बताया था कि वृक्षारोपण महत्वपूर्ण क्यों है इसके पीछे कई कारण हैं. इनमें मुख्य कारण यह है की वृक्ष जीवन-प्रदान करने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिसके बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव ही नहीं है.
*उन्होंने कहा कि कितना दुखद है कि हम प्रौद्योगिकी के इतने आदी हो गए हैं कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं.न केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रकृति को नष्ट कर रहा है बल्कि यह हमें उससे अलग भी कर रहा है.
भवानजी ने कहा कि प्रदूषण का स्तर इन दिनों बहुत अधिक बढ़ रहा है. इससे लड़ने का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक पेड़ लगाना है.उदाहरण के लिए पेड़ों से घिरे क्षेत्र, गांव और जंगल शुद्ध पर्यावरण को बढ़ावा देते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये कम प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र हैं। दूसरी ओर शहरी आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में खराब प्रदूषण और कम पेड़ों की संख्या के कारण ख़राब गुणवत्ता की वायु है.
उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण का महत्व इतना स्पष्ट है तब भी कुछ ही मुट्ठी भर लोग हैं जो वास्तव में इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं.बाकी अपने जीवन में इतने तल्लीन हो चुके हैं कि वे यह नहीं समझते हैं कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे. यह सही समय है जब हमें वृक्षारोपण के महत्व को पहचानना चाहिए और उसमें अपना योगदान देना चाहिए। वक्षारोपण आज की सबसे बड़ी जरूरत है,वृक्षारोपण किया गया और वृक्ष की देखभाल के लिए दतक योजना का शुभारंभ किया गया.
वृक्षारोपण आज की सबसे बड़ी जरूरत- भवानजी
