उत्तर प्रदेश (प्रयागराज) -विगत् दिनों जगदीश साहित्य संस्थान प्रयागराज द्वारा हिंदुस्तानी अकैडेमी के हाॅल में आयोजित कवि-सम्मेलन में भोपाल से पधारे हास्यरस के कवि उमाशंकर ‘ मनमौजी ‘ अपनी हास्य कविताओं से श्रोताओं को हँसा-हँसाकर लोटपोट कर दिया। इनने कवियों के श्रेणी का बखान करते हुए बताया कि कुछ कवि स्थानीय कवि होते हैं तो कुछ राज्यस्तर के कवि होते हैं तो कई अखिल भारतीय स्तर के कवि होते हैं। कुछ इससे भी बढ़कर कवि होते हैं जो अपने को अंतरराष्ट्रीय कवि बताते हैं। कवि मनमौजी ने अपने-आप को अंतरग्रह का कवि होना बताया। इससे संबंधित कविता पर मनमौजी ने खूब तालियाँ बटोरी। अंत में श्री मनमौजी को ‘ काव्यभूषण ‘ सम्मान से जगदीश साहित्य संस्धान द्वारा सम्मानित किया गया। कवि-सम्मेलन के दौरान उमाशंकर ‘ मनमौजी ‘ को कार्यक्रम का मुख्य-अतिथि बनाया गया था वे वहाँ पर मंचासीन विराजमान रहे तथा देश से पधारे अनेक साहित्यकारों को संस्थान की ओर से अपने कर-कमलों में सम्मान-पत्र प्रदान किये।
हास्यकवि ‘मनमौजी ‘ हिंदुस्थानी अकैडेमी के कवि-सम्मेलन में खूब जमे.
