नवोदित प्रतिभाओं को निखारने के लिए संकल्पित है साहित्यांजलि प्रकाशन – विश्वबंधु

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उत्तर प्रदेश(प्रयागराज) –
नवोदित रचनाकारों को सार्थक मंच देकर उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए संकल्पित साहित्यांजलि प्रकाशन प्रयागराज द्वारा साहित्यकारों को सम्मानित करने की यह परम्परा सराहनीय है | हम आगे भी इसे निरन्तरता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं|* उपरोक्त उद्गार भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर योगेंद्र कुमार मिश्रा विश्वबंधु ने उस समय व्यक्त किया जब वह आनंद भवन के सामने एक होटल में आयोजित साहित्यकार सम्मान समझ में अध्यक्षीय वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे प्रकाशन की ओर से सदैव रचनाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए इस तरह के आयोजन होते रहेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध पाठ्यक्रम पुस्तक लेखक डॉक्टर सर्वेश कांत वर्मा सरल ( जिनका आज जन्मदिनभी धूमधाम से मनाया गया) ने कहा कि प्रयागराज सदैव से वरेण्य साहित्यकारों की साधना भूमि रही है और उसे अधिक समृद्ध बनाने के लिए यह संस्था समर्पित है इसके लिए प्रकाशन को कोटि-कोटि बधाई देता हूं। आज आपने मेरे जन्मदिन को सार्थक बना दिया यह मेरे लिए स्वर्णिम क्षण है। मैं सदैव ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि लेखन के क्षेत्र में जो भी सम्मानित रचनाकार उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं उन्हें उसका प्रतिदान किसी न किसी रूप में अवश्य मिले।
विशिष्ट अतिथि चर्चित कहानीकार एवं प्रकाशक रंजन पांडेय ने कहा कि प्रयाग की रचनाधर्मिता सदैव से देशभर में मार्गदर्शक रही है और आगे भी रहेगी। सुप्रसिद्ध साहित्यकार जया मोहन ने अपने वक्तव्य में संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की सारगर्भित समीक्षा करते हुए कहा कि जो भी रचनाएं इन दिनों संस्था प्रकाशित कर रही है उसमें विविध प्रकार के रस रंग और सुखद संदेश का समावेश रहता है। इस संस्था की पुस्तकें निश्चित ही एक मील का पत्थर स्थापित करेंगी। सुल्तानपुर से पधारीं डॉक्टर जया सिंह ने कहा कि इस धरती को मैं नमन करती हूंँ और अपेक्षा करती हूंँ कि यहां से जो भी प्रतिभाएं आप लोगों के प्रयास से निकलेंगी वह पूरे साहित्य जगत में अपने नाम को सार्थक करेंगी । प्रकाशन के व्यवस्थापक एवं आयोजक डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम सदैव रचनात्मक दिशा में कार्यरत लोगों का मनोबल बढ़ायें और उन्हें सम्मानित करके हम एक नया आयाम स्थापित करें। इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी में श्री श्याम फतनपुरी ने अपनी संदेश परक रचना प्रस्तुत किया। पंडित राकेश मालवीय मुस्कान ने अपने दोहों के माध्यम से समाज को जागरूक किया। शंभूनाथ श्रीवास्तव ने सस्वर काव्य पाठ करके गोष्टी को ऊंचाई प्रदान की तो आयोजन के संचालक डॉक्टर राम लखन चौरसिया वागीश ने भी दोहों के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों पर कड़ा प्रहार किया। अरविंद मालवीय, प्रदीप कुमार सिंह, ललित मोहन श्रीवास्तव,डॉक्टर अरुण कुमार मिश्रा ,पंकज गुप्ता आदि का संबोधन भी बहुत सराहनीय रहा। अंत में आभार प्रदर्शन डॉक्टर भगवान उपाध्याय ने किया और आगामी 16 जून को सिविल लाइन कार्यालय में पुनः गोष्ठी और सम्मान समारोह करने की घोषणा की।

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