उत्तर प्रदेश ( प्रयागराज) – संगीत-साहित्य एवं कला मंच प्रयागराज” द्वारा अपना वाषिर्कोत्सव शान्ती देवी इंटरनेशनल स्कूल,मुंडेरा में वरिष्ठ शायर शाहिद इलाहाबादी की अध्यक्षता में “कवि-सम्मेलन” के रूप में मनाया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं सरस्वती देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कवि-सम्मेलन का उद्घाटन किया।संस्था के अध्यक्ष हरिश्चन्द्र पाण्डेय ने मुख्य सुरेश जगजीत यादव एवं विशिष्ट अतिथि विंग कमांडर उपेन्द्र ठाकुर एवं कार्यक्रम की अध्यक्ष रोशनलाल वत्स का पुष्पहार और अन्य उपस्थित श्रोतागण का शब्द-सुमनों से स्वागत किया।
अंतराष्ट्रीय शायरा प्रीता बाजपेई ने सरस्वती वंदना हे मां वाणी ऐसा वर दो जीवन सफल बनाएं हम, गीत तुम्हारे गाएं हम से कवि-सम्मेलन का शुभारंभ किया।वरिष्ठ कवि योगेन्द्र कुमार मिश्र ने देश-कल्याण की कामना से,”यूँ तो यह सपना है लेकिन शायद सच हो जाये,,हो जाये राग-द्वेष से मुक्त देश ये स्वर्ग-तुल्य हो जाये,जन-जन को त्रितापों से मिल जाये यहाँ पर मुक्ति,सुख-शान्ति से युक्त यहाँ का हो हर कोई व्यक्ति,राम करे इस राम देश में रामराज्य हो जाये,यूँ तो यह सपना है लेकिन शायद सच हो जाये।।” पढ़कर वाहवाही लूटी।डा•प्रदीप चित्रांशी ने पढ़ा ताल-तलैया कह रहे पढ़ लेना इतिहास,जल जीवन का नाम है और जल ही करे विनाश,फरमूद इलाहाबादी,हृदय नारायण पांडेय अनजान।शम्भूनाथ श्रीवास्तव शम्भु ने पढ़ा मधुर मधुमय मद भरा महकता मधुमास है,अवनि अम्बर से छलकता महकता मधुमास है।रवीन्द्र कुशवाह ने पढ़ा यह कैसी गिरावट आ गयी है,दोहरे व्यक्तित्व में गिरावट आ गयी है।उपेन्द्र पाण्डेय मनमौजी ने गरीबी की मढ़ई अमीरी के ठाट।विश्वनाथ प्रसाद श्रीवास्तव हंजी,शिवराम शिवहरे,श्रीराम सहज,वी सिंह पथिक,फरमूद इलाहाबादी,शरद श्रीवास्तव,शाहिद इलाहाबादी,सिलाल इलाहाबादी ने भी कविता-पाठ किया,।संस्था के सचिव डा•विन्ध्यवासिनी शुक्ल ने संचालन के साथ कार्यक्रम के अंत में सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
गुप्तेश्वर पाण्डेय,सुधा शुक्ला आदि विशिष्ट जन कार्यक्रम में उपस्थित रहे।