अज्ञानता ही करती है नव-वर्ष की अगवानी, हर क्षण लेकर आता हर बार नई कहानी.

Spread the love

उत्तर प्रदेश ( प्रयागराज ) – संस्कार भारती प्रयागराज द्वारा नव-संवत्सर-2081 “पिंगल” के स्वागत में पूर्व संध्या पर एक कवि-सम्मेलन “मंगलम” का आयोजन माननीय न्यायमूर्ति सुधीर नारायण के आवास पर वरिष्ठ कवि जनकवि प्रकाश की अध्यक्षता में किया गया।कार्यक्रम के आरंभ में सुधीर नारायण जी ने अंग-वस्त्र तथा संस्कार भारती की उपाध्यक्ष प्रेमलता मिश्र ने मुख्य अतिथि एडवोकेट प्रदीप कुमार गुप्ता एवं समस्त कविगण का पुष्पहार से स्वागत किया गया एवं अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार मिश्र ने शब्द-सुमनों से समस्त अतिथिगण का स्वागत किया।

अंतराष्ट्रीय कवयित्री प्रीता बाजपेई की सरस्वती वंदना— हे मां वाणी ऐसा वर दो जीवन सफल बनाएं,हम गीत तुम्हारे गाएं से कवि-सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।वरिष्ठ कवि योगेन्द्र मिश्रा विश्वबन्धु” ने कर्म के लिए प्रेरित करती तथा क्षण-भंगुरता के दर्शन को उकेरती पंक्तिया पढ़ीं—अज्ञानता ही करती नव-वर्ष की अगवानी,हर क्षण लेकर आता हर बार नई कहानी,क्षण-क्षण की क्षण-भंगुरता दर्शन हमारा,बस कर्म ही करना हर क्षण की अगवानी।कवि-सम्मेलन का संचालन करते हुए डा•पीयूष मिश्र पीयूष ने नव-संवत्सर के स्वागत में पढ़ा— नये संकल्प के संग आओ नव प्रभात करें,इस नये साल में हम कुछ तो नई बात करें।।शम्भूनाथ श्रीवास्तव शम्भु ने बासंती गीत पढ़ते हुए कहा—पात झरे महुआ के धरे,मकरन्द भरे,रसगंध सौहाई,कोकिल कूक की टेर करे,मन अंग अनंग भरे पुरवाई,आम की डार पे बौर सझे मुद-मादक झूम रही अमराई,फूलन से अलिकेलि करे,तब जान पर्यो कि बसंत है आई।राजेश सिंह राज ने जीवन की विसंगतियों से भरी पंक्तियां पढ़ीं— कुछ सवालों के हल नहीं आए,झर गए फूल फल नहीं आए,मुस्कुराने लगा पतझार मगर,फिर बहारों के पल नहीं आए।डा•राजेन्द्र त्रिपाठी रसराज,धनंजय शाश्वत, कमलेश पाण्डेय कमल एवं रवीन्द्र कुशवाहा ने काव्यपाठ किया।इस अवसर पर संस्कार भारती की उपाध्यक्ष प्रेमलता मिश्रा,मनोज गुप्ता,प्रियंका चौहान,सुशील राय,डा•अशोक शुक्ल,संतोष पांडे,पंकज पाण्डेय,रेखा तिवारी,संगीता राय,रंजना त्रिपाठी,समाज शेखर आदि गणमान्य जन उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *