वसई विरार में स्थानिक प्रशासन,महानगरपालिका की मिलीभगत से स्थानिक रहिवासियों का आशियाना हुआ ध्वस्त, पुलिस प्रशासन से लगाई गुहार.

Spread the love

महाराष्ट्र ( पालघर , वसई ) – 13 दिसंबर से पुलिस उपायुक्त कार्यालय परिमंडल 2 वसई के पास स्थानीय निवासी अशोक वर्मा और स्थानीय निवासियों  द्वारा धरना दिया जा रहा है। इस धरने ने भ्रष्ट महानगरपालिका, भ्रष्ट ठेकेदार और स्थानीय भ्रष्ट पुलिस प्रशासन की आपसी साठ गांठ की पोल खोल कर रख दी है।

इस धरने में अशोक वर्मा और वहां के स्थानिक निवासियों ने भारतवर्ष समाचार को बताया की  महानगरपालिका द्वारा गैर कानूनी तरीके से बिल्डिंग को खतरनाक घोषित करके सामान्य नागरिकों को उनकी संपत्ति से दखल कर दिया गया , साथ ही उनके घर की संपत्ति,सामान की भी चोरी की गई , इतना ही नहीं उन्होंने बताया की स्थानिक प्रशासन अपरोक्ष रूप से बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का कार्य भी कर रहा है ,इस कृत्य में महानगरपालिका के अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार के शामिल होने की बात सामने आई है।

आंदोलन में शामिल अशोक वर्मा ने कहा कि “इस घटना के संबंध में जब मानिकपुर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग रखी गई तो मानिकपुर पुलिस ने टाल मटोल का रवैया अपनाया है।”

जैसा कि ज्ञात हो कि न्यू वीणा को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी, वसई पश्चिम को अवैध तरीके से बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए तोड़ा जा रहा है। इस बिल्डिंग में रहने वाले लोगो की व्यतिगत संपत्ति को कुछ गुंडों, दबंग और असामाजिक तत्व द्वारा डरा धमकाकर जबरदस्ती और बिना सूचना, रसीद व पंचनामा के कब्जा किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों से बात करने पर पता चला कि लोग भयभीत और आतंकित है। स्थानीय नागरिक पुलिस प्रशासन से किसी भी तरह की मदद की उम्मीद खो चुके है। स्थानीय नागरिकों की अचल संपत्ति पर गैरकानूनी कब्जा करने का ये खेल वसई विरार में लगातार कई सालो से चल रहा है जिसका सीधा फायदा बिल्डरों को प्राप्त होता है।

इसके पहले भी 2016 में जब वसई पश्चिम में प्लेटफार्म संख्या 1 के पास गटर टूटने की घटना हुई थी जिसमे 18 लोग जख्मी हुए थे, आंदोलन और धरना के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई थी लेकिन स्थानीय प्रशासन ने किसी भी आरोपी के खिलाफ आज तक कोई करवाई नही की है। सनसिटी 11 करोड़ दफ़न भूमि घोटाले के प्रकरण में भी जांच होने के बाद और आरोप सत्य पाए जाने के बाद भी वसई विरार महानगरपालिका के ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ़ आज तक पुलिस ने न तो कोई प्राथमिकी दर्ज की है न ही कोई कारवाई की है।

“पुलिस का भ्रष्टाचारियों के समर्थन में ऐसा रवैया वसई विरार को जंगल राज में तब्दील कर रहा है!” अशोक वर्मा ने स्पष्ट कहा। इस धरना के द्वारा इन सभी घटनाओं की प्राथमिकी दर्ज कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *