प्रयागराज – भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आज प्रयागराज कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त , पुलिस उपायुक्त , डी सी पी प्रयागराज से मिलकर उत्कर्ष हत्याकांड की जांच में जांच अधिकारी बदलने की मांग की जिसमें सक्षम अधिकारियों ने मंगलवार को जांच अधिकारी को तलब किया है |
बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय के पौत्र एवं हिंदी दैनिक पवन प्रभात के संपादक पवनेश कुमार पवन के पुत्र उत्कर्ष की हत्या गत 31 दिसंबर 2022 को हो गई थी और उसकी प्राथमिकी घटना के 15 में दिन बाद 14 जनवरी 2023 को लिखी गई थी तब से 1 महीने से अधिक हो जाने के उपरांत जांच में शिथिलता का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार ने जांच में तेजी लाने और जांच अधिकारी बदलने की मांग उच्चाधिकारियों से की जिस पर मंगलवार को वर्तमान जांच अधिकारी को पुलिस उपायुक्त कार्यालय में बुलाया गया है उल्लेखनीय है कि उत्कर्ष बीटेक द्वितीय वर्ष का छात्र था और 31 दिसंबर 2022 को सुबह घर से विद्यालय में फीस जमा करने के लिए प्रातः 8:30 बजे के करीब निकला था जिसके 2 घंटे बाद परिजनों को उसके जख्मी हालत में रेलवे ट्रैक पर मिलने की सूचना मिली थी और जिसे स्थानीय पुलिस द्वारा बिना पोस्टमार्टम कराए मृत घोषित करके परिजनों को सौंप दिया गया था | बाद में मिले साक्ष्य के आधार पर इसकी हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए पीड़ित पत्रकार परिवार ने गुहार लगाई थी और इस पर हत्या का मुकदमा 16 / 2023 अपराध संख्या के तहत दर्ज किया गया था |
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी डॉ चंद्रमोहन सिंह के नेतृत्व में भगवान प्रसाद उपाध्याय पवनेश कुमार पवन कमल नारायण शुक्ला राजेंद्र प्रसाद पांडेय रमाकांत त्रिपाठी रामबाबू द्विवेदी आदि पत्रकारों ने मिलकर अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया और जांच की अब तक की कार्यवाही को विस्तार से बताया | अधिकारियों ने इसे संज्ञान लेकर जांच अधिकारी को तलब करते हुए इस प्रकरण में त्वरित न्याय देने की बात कही और मंगलवार को इस पर स्वयं के स्तर से उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है |